शत प्रतिशत प्रयोगात्मक
शत-प्रतिशत प्रयोगात्मक के अंतर्गत प्रत्येक छात्र के हस्त-कला को बढ़ावा देने हेतु प्रयोगात्मक कार्य पर विशेष जोर दिया जाता है, जिससे छात्र द्वारा स्वयं प्रयोगात्मक कार्य अनुदेशक की देख-रेख में 100 % पूर्ण करना अनिवार्य है। इसके माध्यम से छात्रों के अन्दर कार्य के प्रति रुझान बढ़ती है एवं भय भी दूर हो जाता है, जिससे छात्र अौद्योगिक इकाइयों में सफलता पूर्वक अपने कार्य को दायित्वपूर्ण करने में सफल होता है।